Friday, May 16, 2008

Innovator & Ministers & Dogs !

जब भी मैं छोटे छोटे पिल्लों को देखता हूँ --- कितने प्यारे लगते हैं ! और यही बड़े होकर कितने खूंखार हो जाते हैं -- डरावने से लगते हैं ! अपनी भी हालत कुछ ऐसे ही है --- याद करता हूँ की जब छोटा था लोग गोद मैं लेते -- चूमते -- दुलारते थे , अब काटने को दौड़ते हैं -- लातियाते से रहते हैं !



आदमी अपने जीवन को श्रेस्थ सुखकर बनानेके लिए आविष्कार से ज्यादा और क्या कर सकता है ? और इस प्रथ्वी गृह पर हालात एसे हो गए हैं की आविष्कारकों की हालत गधे सी हो गई है जो न घर का न घाट का !


लोग मर रहे हैं और मेरा (२००२) सेफ्टी वाल्व फॉर प्रेशर स्टोव अभी IIP Dehradun में टेस्टिंग में लंबित है ! दिल्ली के बर्निंग डिपार्टमेंट के डॉक्टरों ने बाकायदा हेल्थ मिनिस्टर तक मार्च किया , और मंत्री जी ने कहा भी था की हमसे जो भी बन पड़ेगा -----करेंगे 2004 में कहा था , और अब तक कर रहे हैं श्री योगानंद शास्त्री जी, खबर टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी थी , खबर थी बेखबर लोगों के लिए ------- लोग अब भी बेखबर हैं और शायद आगे रहना चाहते ! मैंने सब पत्र लिखे थे --- सब मंत्रियों को -- सक्रेत्रियों को --- बाकायदा रजिस्टर्ड पोस्ट से पर जवाब आज तक किसी का नहीं आया ! सब ( गाली ) मलाई काटने में लगे हैं !